जशपुरनगर : रायगढ़ जिले के लैलूंगा से मंगलवार रात 25 हाथियों का एक बड़ा दल पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के मथुपुर क्षेत्र में पहुंचा। यह झुंड अलग-अलग समूहों में बंटा हुआ है और इनमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जिससे मादा हाथियां विशेष रूप से आक्रामक व्यवहार कर रही हैं। झुंड को जंगल और सड़कों पर विचरण करते हुए देखा गया, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। वन विभाग को सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। बुधवार दोपहर यह झुंड जंगल से निकलकर सड़क की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दिया। वन विभाग की टीम और स्थानीय ग्रामीण मिलकर इन्हें वापस जंगल की ओर भेजने का प्रयास कर रहे हैं।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के सरईटोली गांव में भी दो हाथियों की मौजूदगी दर्ज की गई है। इस स्थिति को देखते हुए रेडे गांव को विशेष रूप से सतर्क किया गया है। वर्तमान में पत्थलगांव क्षेत्र में कुल 27 हाथी सक्रिय हैं। इनमें से अधिकांश जंगल के किनारे बसे गांवों के आसपास विचरण कर रहे हैं। हाथियों की उपस्थिति की खबर मिलते ही ग्रामीण उन्हें देखने के लिए जुटने लगे।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के सरईटोली गांव में भी दो हाथियों की मौजूदगी दर्ज की गई है। इस स्थिति को देखते हुए रेडे गांव को विशेष रूप से सतर्क किया गया है। वर्तमान में पत्थलगांव क्षेत्र में कुल 27 हाथी सक्रिय हैं। इनमें से अधिकांश जंगल के किनारे बसे गांवों के आसपास विचरण कर रहे हैं। हाथियों की उपस्थिति की खबर मिलते ही ग्रामीण उन्हें देखने के लिए जुटने लगे। वन विभाग द्वारा बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि लोग झुंड से दूर रहें और हाथियों को उकसाने या परेशान करने की कोशिश न करें।
जशपुर वन परिक्षेत्र के चांपाटोली के पास भी दो हाथी देखे गए हैं। इनके कारण जोगीमारा, बालाछापर, गम्हरिया और ईचकेला जैसे गांवों को अलर्ट किया गया है। वन विभाग के अनुसार, ये हाथी भोजन की तलाश में लगातार एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। तपकरा वन परिक्षेत्र से दो हाथी ओडिशा की सीमा की ओर निकल गए हैं। वहीं, कुनकुरी वन परिक्षेत्र के नारायणपुर जंगल में पांच हाथियों के होने की पुष्टि हुई है। इसे लेकर कुडुकेला, अंबाचुआ, चरईमारा, बनकोंबो और सारंगढ़ गांव को भी सतर्क किया गया है।