जशपुरनगर : भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद द्वारा बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन करने के मामले में कलेक्टर ने नोटिस जारी किया है। इसमें तीन दिन के अंदर जवाब नहीं देने पर एकपक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के जिला संयोजक और सह संयोजक ने 3 मई को पत्थलगांव के पालीडीह चौक में बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री और बागबहार तहसीलदार कृष्णमूर्ति दीवान के खिलाफ मंच से अभद्र टिप्पणी की गई। मंच से चेतावनी दी गई कि यदि रूपनारायण एक्का और सुनील खलखो के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त नहीं की गई, तो आगे उग्र और हिंसक आंदोलन किया जाएगा। धरने में लगभग 300 लोग शामिल हुए। टेंट लगाकर माइक से प्रदर्शन किया गया। भारत मुक्ति मोर्चा से कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और 50 अन्य लोगों ने ज्ञापन सौंपा।
राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद से प्रदेश अध्यक्ष दिनेश भगत और 118 अन्य लोगों ने भी ज्ञापन दिया। कलेक्टर ने दोनों संगठनों के संयोजकों को तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया है। कहा गया है कि शासन के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया। 22 अप्रैल 2022 को शासन ने निर्देश जारी किए थे कि किसी भी धरना प्रदर्शन से पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है। इसके बावजूद 3 मई को बिना अनुमति के प्रदर्शन कर कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की गई। तय समय में जवाब नहीं देने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी संयोजकों की होगी।