रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बाद राज्य की जांच एजेंसियां, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB), भी सक्रिय हो गई हैं। इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए EOW-ACB ने कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की हैं, जिससे इस घोटाले की परतें एक बार फिर खुल रही हैं।
हाल ही में हुई कार्रवाई में, EOW ने आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास को गिरफ्तार किया है। निरंजन दास पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध वसूली करने वाले सिंडिकेट का सहयोग किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद, जांच में तेजी आई है और कई अन्य महत्वपूर्ण खुलासे होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, EOW और ACB की संयुक्त टीम ने एक होटल व्यवसायी नितेश पुरोहित और उनके बेटे यश पुरोहित को भी गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर शराब घोटाले के जरिए अवैध धन के संग्रहण और वितरण में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने इन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है, जिससे इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों का खुलासा होने की संभावना है।
यह उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद EOW और ACB ने इस मामले में जांच तेज कर दी है। इससे पहले, ED ने इस घोटाले की जांच की थी और कई बड़े नामों को आरोपी बनाया था। अब राज्य की एजेंसियां भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, जिससे यह मामला एक नया मोड़ ले चुका है।
इस घोटाले की जांच से जुड़े 28 आबकारी अधिकारियों को भी कोर्ट में पेश किया गया था, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत पर रिहा किया गया है। अधिकारियों की गिरफ्तारी और पूछताछ से यह स्पष्ट हो गया है कि इस घोटाले की जड़ें काफी गहरी हैं और इसमें कई प्रभावशाली लोगों के शामिल होने की आशंका है।