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ये क्या? एक ही परिवार के नाम बन गया 56 एकड़ का वन अधिकार पट्टा, ग्रामीणों में जमकर आक्रोश

वन अधिकार पट्टा वितरण में संबंधित अधिकारियों की मिली भगत के कारण शासन की यह महत्वकांक्षी योजना में समय-समय पर सवाल उठते आए हैं। ऐसे ही मामले में एक ही परिवार के कुछ लोगों को 56 एकड़ शासकीय वन भूमि में वन अधिकार पट्टा देने के मामले में गुरूवार को दो दर्जन से भी अधिक ग्रामीणों ने पत्थलगांव एसडीएम कार्यालय में लिखित शिकायत प्रस्तुत की है।मामले के उजागर होने के बाद से ग्रामीण बेहद आक्रोशित थे, उनके द्वारा इस मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही ना होने पर उग्र आंदोलन करने की बात कह रहे थे।

इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, मामला पत्थलगांव ब्लाक के महेशपुर ग्राम पंचायत का है, जहां के संबंधित लोगों पर ग्रामीणों ने मिली भगत कर 56 एकड़ वन भूमि का वन अधिकार पट्टा एक ही परिवार को देने का आरोप लगाया है।जानकारी के अनुसार, पूरा मामला फर्जीवाड़ा से जुड़ा प्रतीत हो रहा है, जिसको लेकर ग्रामीण लामबंद हो चुके हैं। महेशपुर के पूर्व सरपंच महेश नाग ने बताया कि पंचायत की विवादित जमीन खसरा नंबर 439/2 (21.7350 हे.), 439/3 (0.4370 हे.) और 439/4 (0.2100 हे.) कुल मिलाकर लगभग 56 एकड़ भूमि है, जो राजस्व अभिलेखों में शासकीय दर्ज है।

ग्रामीणों का कहना था कि उक्त जमीन पर कई पीढ़ियों से गांव के लोग खेती करते आ रहे हैं, लेकिन इस जमीन का वन अधिकार पट्टा गांव के शंकर पिता लोकनाथ, वेदेही पिता लोकनाथ, रोगीबाई पति लोकनाथ और धर्मीबाई बेवा लोकनाथ के नाम जारी कर दिया गया।जबकि इस भूमि पर उनका कभी भी अधिकार या कोई कब्जा नहीं था। महेशपुर के ग्रामीणो ने संबंधित परिवार से जिमेदार अधिकारी कर्मचारियों की मिली-भगत बताया है। उनका कहना था कि वे इस बात की शिकायत तीन वर्षो से लगातार कर रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

ग्रामीणो द्वारा आवेदन देकर शिकायत दी गई है, संबंधित परिवार को नोटिस देने के बाद उनके अधिकार से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है। जांच के गलत पाए जाने के बाद कार्यवाही की जाएगी। – आकांक्षा त्रिपाठी, एसडीएम, पत्थलगांव।

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